पिछले कुछ दिनों से रोजाना शाम को एक तितली मेरे स्टूडियो में आती थी।
पहले तो मैंने इस बात को नोटिस नहीं किया पर एक दिन अचानक वह आई और अपने दोनों पंखो को धीरे धीरे हिलाने लगी, मुझे लगा, वह मुस्कुरा रही हैं।
मैं एकटक उसे देखता रहा,
अचानक वह उङ गई ऐसा लगा वह कह रही हो गुड बाय
शाम होने को है
अभी तक नहीं आई
इंतजार है तुम्हारा